एक
छोटे सा बच्चा था उसका नाम था नचिकेता। एक दिन उसके पिताजी गौ का दान कर रहे थे पर
वो सारी गौयें वृद्ध थी। नचिकेता ने कहा
की पिताजी ऐसी गौओ का दान करना चाहिए जो दूध देती हो और ऐसी वृद्ध गौओ का दान नहीं
करना चाहिए। पिताजी गुस्से हो गए और कहने लगे की अब तू मुझे सिखाएगा की कैसे दान
करना चाहिए ठहर जा अभी तेरा दान कर देता
हु।बालक ने कहा आप सब प्रकार से मेरे शरीर के मालिक है आपको यह अधिकार है
पर मैं फिर भी कहूँगा आपको बूढ़ी - और बीमार गायों का दान नहीं कारना चाहिए। पिता
और भी आग बबूला होगये वे बोले आज ही अभी मैं तुझे यमराज को दान करता हु। नचिकेता
की माता ने उसे सिखाया था की अगर तुम्हे कृष्ण का दर्शन करना हो तो गौमाता के पास
जाना , अगर तुम्हे शिवजी का दर्शन करना हो तो
बैल के पास जाना और तुम्हे यमराज का दर्शन करना हो तो भैस के पास जाना। वो बच्चा ५
दिन तक भूखा प्यासा भैस के पास बैठा रहा और यमराज ने उसे दर्शन दिया। नचिकेता ने
कहा की मेरे पिताजी ने मुझे आपको दान किया हैं मुझे स्वीकार करो। यमराज ने कहा की
बालक तुमने इतनी छोटी उम्र मैं गौमाता का मुद्दा उठाया हैं इसीलिए काल भी तेरा कुछ
नहीं बिगाड़ पायेगा। अब मैं तुम्हे वह ब्रह्म ज्ञान दूंगा जो बड़े - बड़े तपस्यो के
लिए भी दुर्लभ है।अगर आप रोगी हैं तो गौमाता आपके लिए वैध्य हैं।अगर आप भक्त हैं
तो गौमाता आपके लिए भगवान हैं। अगर आप शिष्य हैं तो गौ माता आपके लिए गुरु हैं।
जिसका विवाह गौधूलि वेला मैं होता हैं उसका कभी भी तलाक नहीं हो सकता।कलियुग को
राम जी से कोई खतरा नहीं हैं। कलियुग को कृष्ण जी से भी कोई खतरा नहीं हैं। कलियुग
को खतरा हैं तो सिर्फ गौमाता से इसीलिए गौमाता को बचालो कलियुग अपनेआप भाग जायेंगा।बोलो गौ माता की जय।
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