मुख्य बात यह है कि गौ की दुर्दशा के लिए हम हिन्दू स्वयं ही जिम्मेदार हैं
इस समय हम लोगों की जो दुर्दशा हो रही है, वह इसी पाप का प्रायश्चित हो रहा है जगत का सारा व्यवहार इसी नियम पर चलता है कि जहाँ जिस चीज की मांग होगी, वहीँ उसकी पूर्ति भी होगी, हम लोग भैंस का दूध अधिक पसंद करते हैं और यह नहीं जानते कि भैंस गौ का काल हैगांधी जी चिल्ला - चिल्ला के लोगों से यह कह चुके हैं कि केवल गौ के दूध का सेवन करो
यदि हम लोग हिन्दू होकर गौ का इतना आदर और उसके लिए इतना त्याग न कर सकें कि अधिक दाम देकर भी गौ का दूध ही लें और भैंस के दूध के स्वाद की इच्छा न करें तो हम लोग गौ को गोमाता कहकर पूजने के अधिकारी नहीं हैं, इसमें स्वाद की इच्छा का त्याग भी नहीं है
वैज्ञानिक रीति से यह बात साबित हो चुकी है कि गाय का दूध भैंस से कहीं ज्यादा उत्तम है
जब तक कोई चीज कीमती नहीं होती तब तक उसकी बर्बादी नहीं रोकी जा सकती है
गोओं को हम बचा सकते हैं, यदि हम गाय के ही दूध का सेवन और गाय के दूध से बने पदार्थों का सेवन करें तो अवश्य ही गाय माता की रक्षा होगी
जय गऊ माता की
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