गो-संवर्धन
इसमें संदेह नहीं कि गो-हत्या बंदी के साथ-साथ गायों की गुग्धोत्पादन-छमता बढ़ाने, नस्ल-सुधार एवं गौमय और गोमूत्र के समुचित उपयोग की व्यवस्था के लिए गौसंवर्धन का सबल प्रयास अपेक्षित है। किन्तु गो हत्या पर प्रतिबन्ध के अभाव में गोसंवर्धन की बात गोरक्षा की द्रष्टि से विशेष महत्व नहीं,क्योंकि गोहत्या के चलते सरकार द्वारा प्रस्तावित गोसंवर्धन भी उसके मुर्गा-मुर्ग-संवर्धन, मत्स्य-संवर्धन और शूकर- संवर्धन की तरह ही केवल अधिक मांस प्राप्ति के लिए ही होगा। अतः संपूण गोवंश की हत्या पर कानून द्वारा प्रतिबन्ध लगे बिना गोसंवर्धन की बात केवल धोखा-धड़ी ही है।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें