बैलों को कब और कैसे हांकें
गाड़ी में जुते हुए बैलों को हुंकार की आवाज से या पत्ते वाली पेड़ की डाली से हांके, डंडे,छड़ी या रस्सी से मारकर न हांकेंभूख प्यास और परिश्रम से घबड़ाये हुए बैलों को गाड़ी में न जोतें
जिनकी इन्द्रियां विकल हो रही हों या जो आँख इत्यादि से हीन हों उनको भी न जोते
जब तक भूखे प्यासे बैलों को पूरा खिला-पिला ना दिया जाये तब तक मालिक आप न खाए
दुपहर में बैलों को आराम देना चाहिए
संध्या के समय अपनी रूचि के अनुसार यथावश्यक उनसे काम लें
जो विश्राम के समय बैलों को जोतता है उसे भ्रूण हत्या जैसा पाप लगता है
जो मनुष्य मूर्खता से बैलों के शरीर से खून निकाल देता है वह पापी इस पाप के फलस्वरूप निस्चय ही नरक में जाता है और वहां क्रम से १००-१०० वर्ष तक एक-एक नरक में रहकर फिर इस मनुष्य लोक में बैल का जन्म पाता है
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